Migraine: दोस्तों आज के बदलते जीवन सैली और बदलते खान-पान कितनी बिमारियों की जड मानी जाती है आज के इस बिजी लाइफ में सब कोई काम के चक्कर में अपने सेहत पे ध्यान नही देते , और थोडा बहुत समय मिलता भी है तो उसे सोशल मिडिया और व्यर्थ के कामो में लगा देते है फ्री होते ही घंटो मोबाइल , लैपटॉप , टीवी के स्क्रीन को देखते रहते है, जिससे तनाव उत्पन्न होता है और इन्ही सब कारणों से कुछ बीमारियाँ उत्पन्न होती है जैसे – Migraine जिसे गाव कस्बो में लोग अधकपारी भी कहते है तो आइये जानते है Migraine क्या है , Migraine के क्या – क्या लक्षण होते है , और Migraine की समस्या हो तो क्या उपया और उपयोग करे
Migraine क्या है?
माइग्रेन नाम सुनने पे लगता है जैसे ये कोई बड़ी बीमारी हो सकती है , किन्तु हाँ ये बड़ी बीमारी भी हो सकती है अगर इसे समय से नही पहचाना गया और ध्यान नही दिया गया तो Migraine की जो समस्या है आमतौर पर महिलावों में पाया जाता है इस बीमारी में व्यक्ति का सर दर्द करता है
लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है की माइग्रेन की समस्या में व्यक्ति का केवल आधा सर ही दर्द करता है वो आगे का हिस्सा हो या सर के पीछे साइड का हो या फिर दाया नही तो बाया साइड हो सकता है माइग्रेन का दर्द असहनीय होता है ये आम सर दर्द जैसा नही होता है माइग्रेन के दर्द को बर्दास्त कर पाना बहुत मुश्किल होता है
इस बीमारी में ये सुनिश्चित नही होता की सर कब दर्द करेगा या इसका कोई फिक्स समय नही होता , Migraine का दर्द उस व्यक्ति के दिनचर्या पे निर्भर करता है, अगर वो व्यक्ति तनाव भरे माहौल में रहता हो तो उसके सर का दर्द कुछ घंटो का नही बल्कि कुछ दिनों तक भी रह सकता है , सबसे महत्वपूर्ण बात ये की माइग्रेन के मरीजो को ज्यादा से ज्यादा खुश रखे किसी तरह का तनाव वाले माहौल में ना रखे और भरपूर नींद लेने दे
Migraine होने के लक्षण क्या है?
जैसा की हमने बताया है माइग्रेन का दर्द आम सर दर्द जैसा नही होता , माइग्रेन का दर्द जब शुरू होता है उसके साथ इसके कुछ लक्षण है जिनसे आप असानी से पहचान सकते है की ये दर्द Migraine का दर्द है
इसकी सबसे खाश बात होती है की जब ये दर्द शुरू होता है तो उस व्यक्ति को दृष्टि संबंधित समस्या होने लगती है जैस – रोगी को ज्यादा चमकने वाली वस्तु टेढ़ी – मेढ़ी दिखाई देने लगती है इसके कुछ निम्न लक्षण है जिनसे आप आशानी से पहचान सकते है
- ज्यादा गुस्सा आना
- कमजोरी लगना
- चिडचिडापन होना
- सर के किसी एक हिस्से में तेज दर्द होना
- तेज आवाज सुनकर गुस्सा होना
- तेज प्रकाश पड़ने पे चक्कर जैसा आना
माइग्रेन का मुख्य कारण क्या है?
माइग्रेन के दर्द का मुख्य कारण नर्व , केमिकल और ब्लड वेसल्स में कुछ समय के लिए परिवर्तन होता है जिसके कारण सर में तेज दर्द उत्पन्न होता है इस बीमारी में रोगी के कुछ ट्रिगर पॉइंट होते है जिसके कारण रोगी के मस्तिष्क में रसायनों का बदलाव होने लगता है
मेडिकल लैंग्वेज में सेरोटोनिन के कारण रसायनों में बदलाव होना शुरू होता है Migraine को ट्रिगर करने वाले कुछ प्रमुख कारण है
- तेज गंध
- कुछ दवाएं, जैसे गर्भनिरोधक गोलिया या उत्तेजन्ना बढ़ानेवाली गोलिया
- नशा जैसे शराब , सिगरेट इत्यादि
- नींद में कमी या नींद के टाइम टेबल में बदलाव
- तेज आवाज
- तेज प्रकाश
- ज्यादा तनाव
- ज्यादा चिंता
- महिला में होने वाले हार्मोन्स में बदलाव
माइग्रेन कितने प्रकार के होते हैं?
माइग्रेन के मुख्य 5 प्रकार होते है जैसे
- हेमिप्लेजिक माइग्रेन – किसी व्यक्ति को जब ये हेमिप्लेजिक माइग्रेन होता है उस रोगी को काफी कमजोरी महसूस होने लगता है
- पीरियड्स माइग्रेन – यह माइग्रेन पीरियड्स के दौरान होते है
- क्रोनिक माइग्रेन – इस Migraine में रोगी को आमतौर पर 1 महीने में 15 दिनों से ज्यादा दिनों तक दर्द रह सकता है
- एब्डोमिनल माइग्रेन – यह माइग्रेन 15 साल से कम उम्र के बच्चो में होता है जो आंत और पेट के अनियमित कार्य के वजह से हो सकता है
- वेल्तिबुलर माइग्रेन – इस माइग्रेन में रोगी को गंभीर चक्कर आता है
माइग्रेन को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति को माइग्रेन होता है , तो सबसे बड़ी बात की वो तनाव पूर्ण माहौल में न रहे और ज्यादा किसी बात पे चिंता ना करें वरना माइग्रेन का असर बढ़ता जाएगा जिससे एक घम्भीर समस्या भी खड़ी हो सकती है, इस दौरान व्यक्ति को तनाव मुक्त रहना चाहिए और अदरक और इलायची की चाय का सेवन करता रहे जो माइग्रेन से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार साबित हो सकता है
माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है?
माइग्रेन बहुत ही आमतौर पर लगभग लोगो में पाई जाने वाली समस्या है किन्तु माइग्रेन जैसे रोग मानसिक और शारीरक समस्याएँ दिन प्रतिदिन बढाती जाती है माइग्रेन से होने वाले नुकशान
- माइग्रेन में नींद नही आने की समस्या हो सकती है
- माइग्रेन ब्लड प्रेसर को बढ़ाता है
- ओकुलरMigraine हो तो आँखों को नुकशान पहुचाता है और आँखों में खून के बहाव को कम कर देता है जिसके फलस्वरुप आँखों का दर्द और कम दिखाई देना और तेज चमकीली चीजो को ठीक ढंग से नही देख पाना
- व्यक्ति का डिप्रेसन में जाना
- हार्ट अटैक जैसी बीमारी को बढ़ावा देना
माइग्रेन ठीक करने के लिए क्या खाएं?
Migraine जैसी समस्या में व्यक्ति को खान पान का विशेष ध्यान देना चाहिए क्युकी कुछ खाना माइग्रेन को ट्रिगर करता है और कुछ माइग्रेन के प्रभाव को रोकने में हमारी मदद करता है जैसे :-
- अदरक – अदरक प्राचीन काल से ही औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है और माइग्रेन के दर्द से राहत पहुचाने में बहुत लाभकारी माना जाता है
- पानी – माइग्रेन से निपटने के लिए खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरुरी है और इसमें पानी हमारी पूर्ण मदद करता है
- पालक – माइग्रेन जैसी समस्या में हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत फायदेमंद होता है
- नट्स – नट्स में जैसे – काजू , बदाम , अखरोट , कद्दू , नारियल खाना बहुत लाभकारी होता है
- फिश – फिश वो भी फैटी फिश माइग्रेन को कम करता है
- केला का सेवन प्रतिदिन करें और तजा फल ज्यादा से ज्यादा खाए
माइग्रेन के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए?
Migraine जैसी समस्या के दौरान खान पान का बिसेष ध्यान देना चाहिए क्युकी कुछ खान – पान की चीजे माइग्रेन को और ज्यादा ट्रिगर कर सकती है , तो जैसे हमसब जाने की माइग्रेन के दौरान क्या – क्या खाना चाहिए वैसे ही अब जानेंगे की माइग्रेन के दौरान क्या – क्या नही खाना चाहिए
- दूध के चाय का सेवन ना करे और अगर चाय की लत है ,तो कॉफिन युक्त पदार्थ का सेवन ना करें
- शराब और नशीली चीजों का सेवन ना करें
- चौकलेट न खाए खाशकर डार्क चौकलेट
- धुम्रपान ना करें